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जब तक चाइल्ड ट्रैफिकिंग नहीं रुकेगी, देश सुरक्षित नहीं होगा- कैलाश सत्यार्थी

Updated: Oct 25, 2018

नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित श्री कैलाश सत्यार्थी जानेमाने बाल अधिकार कार्यकर्ता हैं। उनका मानना है कि बच्चों का बचपन सुरक्षित कर ही हम सुरक्षित भारत का निर्माण कर सकते हैं। वे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की तर्ज पर नेशनल चिल्ड्रन ट्रिब्यूनल बनाने की मांग कर रहे हैं। पूजा मेहरोत्रा ने बच्चों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर श्री कैलाश सत्यार्थी से बातचीत की। यहां प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंशः


सवाल- हमारे देश में बच्चों के प्रति किस-किस तरह की हिंसा हो रही है?

भारत में आज कोई ऐसा दिन नहीं जाता, जब मीडिया में छोटे और सामूम बच्चों के साथ हो रहे बलात्कार की खबरे न आती हों। पड़ोसी, रिश्तेदार, शिक्षक और डॉक्टर ही नहीं, पिता तक 7-8 साल की बच्चियों से दुराचार करने का पाप कर रहे हैं। छेड़खानी और यौन उत्पीड़न का संताप तो करोड़ों बच्चे भोग रहे हैं। हर एक घंटे में दो बच्चों के साथ बलात्कार होता है तो दो बच्चे यौन शोषण के शिकार होते हैं। बडे पैमाने पर बच्चे गायब हो रहे हैं। जानवरों से भी कम कीमत पर बच्चे खरीदे और बेचे जा रहे हैं।

हर दिन 10 बच्चे ट्रैफिकिंग के शिकार हो रहे हैं। उन्हें बाल मजदूरी और वेश्यावृत्ति के लिए खरीदा-बेचा जाता है। इधर कुछ वर्षों से बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। यह समाज में महामारी की तरह फैल रही है। बचपन को सुरक्षित किए बिना हम भारत को सुरक्षित नहीं बना सकते। इसके खिलाफ एक महायुद्ध की जरूरत है। जिसकी शुरुआत हमने भारत यात्रा के जरिए कर दी है। बाल यौन हिंसा और ट्रैफिकिंग के खिलाफ लोगों को जागरुक करने के लिए हमने देशव्यापी भारत यात्रा का आयोजन किया था।

11 सितंबर, 2017 को कन्याकुमारी से शुरू हुई यह यात्रा 22 राज्यों से गुजरते हुए 12 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर 16 अक्टूबर, 2017 को दिल्ली में समाप्त हुई। इस यात्रा में लाखों लोग मेरे साथ सड़कों पर उतरे। इस यात्रा के जरिए हमने आम लोगों के साथ-साथ राजनेताओं, धर्मगुरुओं, जजों और पुलिसवालों का ध्यान बच्चों के इस संवेदनशील मुद्दे की तरफ आकर्षित करने की कोशिश की। जिसमें हम कामयाब रहे। 

सवाल- बाल शोषण और बाल मजदूरी को लेकर सरकारें कितनी गंभीर हैं?

 देखिए, हमारे देश में बाल हिंसा के खिलाफ ढेर सारे कानून हैं। लेकिन सवाल उनके क्रियान्वयन का है। पुलिस को बच्चों के प्रति संवेदनशील बनाने की जरूरत है। हम चाइल्ड फ्रेंडली पुलिस स्टेशन और कोर्ट बनाने की मांग कर रहे हैं। पीड़ितों और गवाहों की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। भारत यात्रा के दौरान मैं ढेर सारे नेताओं, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और जजों से मिला। उनके सामने अपनी मांगें भी रखीं। मुझे खुशी है कि तकरीबन सभी लोगों से मुझे अच्छा रिस्पांस मिला।


News Source: https://www.amarujala.com/india-news/nobel-winner-kailash-satyarthi-said-no-country-safe-children-until-child-trafficking-is-stopped

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